Nripendra Pathak
बॅकस-नॉर्म-फॉर्म या पाणिनि बाकस फॉर्म?—-
जॉहन बॅकस नामक एक, आय. बी. एम. के, प्रोग्रामर ने, पहला (Backus-Norm Form) बॅकस-नॉर्म-फॉर्म नामक, संकेत चिह्न (Notation) विकसाया था, जो पूरा संस्कृत व्याकरण प्रणाली पर ही आधारित था। यही आगे चलकर कुछ सुधारित रूप में सफल हुआ।
बॅकस-नॉर्म-फॉर्म या पाणिनि बाकस फॉर्म?—-
जॉहन बॅकस नामक एक, आय. बी. एम. के, प्रोग्रामर ने, पहला (Backus-Norm Form) बॅकस-नॉर्म-फॉर्म नामक, संकेत चिह्न (Notation) विकसाया था, जो पूरा संस्कृत व्याकरण प्रणाली पर ही आधारित था। यही आगे चलकर कुछ सुधारित रूप में सफल हुआ।
फिर, १९६३ में पिटर
नाउर (नौर) ने ALGOL 60 संगणक भाषा का विकास किया, और बॅकस नॉर्मल फॉर्म
बनाया, और उसका सरलीकरण कर संक्षिप्त रूप बनाया।
उस समय भी तर्क और सुझाव दिया गया था, कि उस फॉर्म को, पाणिनि बाकस फॉर्म नाम दिया जाना चाहिए। क्यों कि पाणिनि ने स्वतंत्र रूप और रीति से उसी संगणक में उपयुक्त हो ऐसा या उसी प्रकारका संकेतक (नोटेशन) खोज निकाला था। ऐसा सुझाव पी. झेड इंगरमन ने दिया था। यह क्यों न हुआ, इस विषय में शोध पत्र मौन है। पाणिनि तो वहाँ थे, नहीं।
उस समय भी तर्क और सुझाव दिया गया था, कि उस फॉर्म को, पाणिनि बाकस फॉर्म नाम दिया जाना चाहिए। क्यों कि पाणिनि ने स्वतंत्र रूप और रीति से उसी संगणक में उपयुक्त हो ऐसा या उसी प्रकारका संकेतक (नोटेशन) खोज निकाला था। ऐसा सुझाव पी. झेड इंगरमन ने दिया था। यह क्यों न हुआ, इस विषय में शोध पत्र मौन है। पाणिनि तो वहाँ थे, नहीं।
In
computer science, BNF (Backus Normal Form or Backus–Naur Form) is one
of the two[1] main notation techniques for context-free grammars, often
used to describe the syntax of languages used in computing, such as
computer programming languages, document formats, instruction sets and
communication pr…
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